जन्म कुंडली (Janam Kundli) और कुंडली मिलान (Kundli Milan) भारतीय ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1. जन्म कुंडली (Janam Kundli in Hindi) क्या है?
"https://vedicmeet.com/hi/kundali">Janam Kundali In Hindi - जनम कुंडली, जिसे जन्मपत्री भी कहा जाता है, किसी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का एक चार्ट होता है। यह ज्योतिषीय चार्ट उस व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व, करियर, विवाह और अन्य जीवन घटनाओं की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
जन्म कुंडली में प्रमुख घटक:
लग्न (Ascendant): कुंडली का पहला भाव जो व्यक्ति के जन्म के समय पूर्व दिशा में स्थित राशि को दर्शाता है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व और स्वभाव को प्रभावित करता है।
राशियाँ (Zodiac Signs): कुंडली में 12 राशियाँ होती हैं (मेष से मीन तक), जो विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों की स्थिति को बताती हैं।
ग्रह (Planets): सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु ये 9 ग्रह कुंडली के महत्वपूर्ण घटक हैं।
भाव (Houses): कुल 12 भाव होते हैं, जिनसे जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, विवाह, परिवार, धन, स्वास्थ्य आदि की जानकारी मिलती है।
2. कुंडली मिलान (Kundli Milan in Hindi) क्या है?
"https://vedicmeet.com/hi/kundali/kundali-matchmaking">Kundali Milan in Hindi - कुंडली मिलान, जिसे गुण मिलान भी कहा जाता है, भारतीय ज्योतिष में विवाह के लिए दो व्यक्तियों की कुंडलियों का मिलान करने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि दोनों व्यक्तियों के स्वभाव, स्वास्थ्य, परिवार, और वैवाहिक जीवन में अनुकूलता कैसी होगी।
कुंडली मिलान के प्रमुख घटक:
अष्टकूट मिलान:
यह सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें 8 गुणों के आधार पर कुंडलियों का मिलान किया जाता है। इन 8 कूटों में से प्रत्येक का अलग महत्व होता है और अलग-अलग अंक मिलते हैं। अष्टकूट मिलान में कुल 36 गुण होते हैं। ज्योतिषी कम से कम 18 या उससे अधिक गुण मिलने की सलाह देते हैं।
अष्टकूट के घटक:
वर्ण: जीवन साथी की मानसिक और शारीरिक संगतता।
वश्य: एक-दूसरे पर प्रभाव डालने की क्षमता।
तारा: भाग्य और भविष्य की संगतता।
योनि: शारीरिक संगतता।
ग्रहमैत्री: मानसिक संगतता।
गण: स्वभाव की संगतता।
भकूट: परिवार और बच्चों की संगतता।
नाड़ी: स्वास्थ्य और संतान से संबंधित संगतता।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू:
मांगलिक दोष (Manglik Dosh): यह दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह कुछ खास भावों (1, 4, 7, 8, 12) में स्थित होता है। यह वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ पैदा कर सकता है। ज्योतिषी इस दोष का निवारण करने के उपाय भी सुझाते हैं।
दशा और गोचर: कुंडली मिलान में यह भी देखा जाता है कि दोनों व्यक्तियों की दशा और गोचर कैसी हैं और उनका आपसी प्रभाव कैसा होगा।
कुंडली मिलान के फायदे:
संगतता: यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि दंपत्ति एक-दूसरे के साथ मानसिक और शारीरिक रूप से संगत होंगे।
स्वास्थ्य: कुंडली मिलान से भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी मिल सकती है।
संतान सुख: कुंडली मिलान यह भी बताता है कि दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होगा या नहीं।
विवाहिक जीवन में शांति: यह वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान कर उनके उपाय बताता है, जिससे जीवन में शांति और स्थिरता बनी रहे।
Conclusion:
जनम कुंडली व्यक्ति के जीवन का ज्योतिषीय मानचित्र है, जबकि कुंडली मिलान विवाह की अनुकूलता जानने का एक प्राचीन तरीका है। ये दोनों ही भारतीय ज्योतिष का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और जीवन में सही निर्णय लेने में सहायक हो सकते हैं।